मेडिकल कालेज में चिकित्सक द्वारा अधीनस्थ को धमकाने का मामला
संवाददाता। अंबेडकरनगर चिकित्सक द्वारा अधीनस्थ कर्मचारी को धमकाने के मामले में जाँच कर रही कमेटी की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में है। आरोपी चिकित्सक की मौजूदगी में ही शिकायत कर्ता से पूछ ताछ की गयी। मामला महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज का है विगत दो दिन पहले मेडिकल कालेज के पैथालॉजी में पीओ सिटी कम्पनी के तहत कार्य कर रहे तकनीशियन रमापति ने चिकित्सा अधिछक को पत्र दे कर आरोप लगाया था कि रात्रि लगभग दस बजे एक बाहरी ब्यक्ति जब बाहर से रक्त लाकर यहाँ मुफ्त में जाँच कराने के लिए कहा तो मना करने पर उसने प्रभारी डॉक्टर मनोज गुप्ता से अपने फोन से बात करायी जिस पर डॉक्टर ने कहा कि ये जो कह रहे हैं उसको मानो नही तो निकाल दिए जाओगे।शिकायत के बाद प्रधानाचार्य ने चार डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई ।सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक आज कई घण्टे तक कमेटी ने रमा पति से पूछ ताछ कि हैरत की बात तो यह है कि जिस वक्त पूछ ताछ चल रही थी उस समय आरोपी चिकित्सक डॉ मनोज गुप्ता भी वहाँ मौजूद था ऐसा में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब आरोपी से पूछ ताछ के बजाय शिकायत कर्ता से ही उसके सामने पूछ ताछ हो रही है तो जाँच कितनी निष्पछ होगी। वहीँ प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह का यह कहना कि इस तरह की शिकायतों से कालेज की गरिमा खराब होगी पूरे प्रकरण को और सन्देह के घेरे में लगता है नाम न छापने की शर्त पर एक बरिष्ट चिकित्सक का कहना है कि क्या इस तरह की चोरी की घटनाओ से छवि नही खराब हो रही जो शिकायत से खराब होगी। चर्चा इस बात की भी है कि कालेज प्रशासन हार हाल में चिकित्सक को बचाना चाहता है क्योकि उस आरोपी चिकित्सक से ही कमेटी के कुछ डॉक्टरों का निजी स्वार्थ जुड़ा है।इस बाबत प्रधानाचार्य का कहना है सोमवार तक रिपोर्ट आ जायेगी फिर जैसा होगा करूँगा।
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