लोगों पर भारी पड़ रहा बैंको का तुगलकी फरमान
लगातार बढ़ रही लोगों की मुश्किले
संवाददाता। अंबेडकरनगर नोट बदलने की आस में सुबह से ही लाइन में लगे लोगों को उस समय निराशा हाथ लगी जब बैंको के शाखा प्रबंधको ने एक तुगलकी फरमान के तहत नोट बदलने से इंकार कर दिया। कुछ शाखा प्रबंधक जहां इसका कारण कैश की कमी बता रहे थे वहीं कुछ शाखा प्रबंधको का कहना था कि स्याही की व्यवस्था होने के बाद नोट बदली जायेगी। इस हालात मंे लोगों को एक के बजाय दो लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ा। खाता न होने के कारण नोट बदलने की आस में आये लोग वापस जाने को मजबूर हो गये। जिन लोगों का जिस बैंक में खाता था उन्होने पहले उसमें जमा करने के लिए लाइन लगायी तथा बाद मंे निकालने के लिए लाइन लगायी। दो-दो बार लाइन लगाने के कारण लोगों का आक्रोश देखते ही बन रहा था। हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में स्थिति बिगड़ सकती है। गुरूवार को भी इस स्थिति में सुधार की गुंजाइश नहीं है। बैंक कर्मियो की माने तो शुक्रवार से नोट बदलने की स्थिति बहाल हो सकती है।
इस प्रतिनिधि ने जब विकास भवन में स्थित पंजाब नेशनल बैंक विस्तार पटल शाखा में नोट बदलने का प्रयास किया तो वह न में जवाब मिला। बैंक आफ इंडिया में कहा गया कि कैश की कमी के कारण नोट नहीं बदला जा सकता। खाते में जमा करके आप धनराशि निकाल सकते है। सवाल यह है कि वहीं रूपया जमा करने के बाद बैंक आपको वापस रूपया दे दे रहा है लेकिन बदलने से कतरा रहा है। जाहिर है कि बैंको की मनमानी लोगो पर भारी पड़ रही है। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में स्याही न होने के कारण नोट बदलने में असमर्थता जतायी गयी। यहां भी खाते में ही जमा करने के बाद निकालने की व्यवस्था थी। कमोवेश यही हालत जिला मुख्यालय पर स्थित सभी बैंको की थी जिनसे लोगों को नोट बदलने के बजाय मायूसी ही हाथ लगी। एक बैंक अधिकारी की माने तो मौजूदा समय में बैंक केवल एक कार्य के अलावां और कोई काम नहीं कर पा रहा है। बैंक के सभी कर्मी इसी काम लगे है।
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