Latest

Wednesday, 16 November 2016

हिम्मत हो तो मंत्री भेजो लड़ने अपने बेटों को...

अब्दुल कलाम की याद में आयोजित कवि सम्मेलन में गूजें राष्ट्र भक्ति के तराने
विनीत चैहान को मिला विकल साकेती स्मृति साहित्य सम्मान
यश भारती सर्वेश अस्थाना का हुआ नागरिक अभिनंदन

संवाददाता। अंबेडकरनगर पहल फाउंडेशन की तरफ से मिसाइलमैन अब्दुल कलाम को समर्पित द्वितीय अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने देर रात तक श्रोताओं को अपनी कविताओं के जादू से बांधे रखा। नगर के बीएनकेबी डिग्री कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित कवि सम्मेलन में दूर दराज से आये कवियों शायरों ने जहां अपनी रचनाओं से राष्ट्र भक्ति की अलख जगायी वहीं इश्क और मोहब्बत के पागल पन के चर्चे से सराबोर गजलों के शेर भी सुनने को मिले। कुल मिला कर यह कवि सम्मेलन देश की एकता अखण्डता की मजबूती के साथ साथ समर्पण और सहयोग का उदाहरण भी बना। 
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री राममूर्ति वर्मा और विशिष्ट अतिथि लोहिया वाहिनी के प्रदेश महासचिव अभिषेक त्रिपाठी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके बाद अतिथियों ने राजस्थान के अलवर से आये देश के प्रसिद्ध वीर रस कवि विनीत चैहान को विकल साकेती स्मृति साहित्य सम्मान से सम्मानित किया और स्माइलमैन सर्वेश अस्थाना का जनपद की तरफ से भव्य नागरिक अभिनंदन किया। सम्मान समारोह के बाद मथुरा से आईं पूनम वर्मा की वाणी वन्दना के साथ कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई। कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़ कर एक शब्द प्रहार किये। बाराबंकी के विकास बौखल ने अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया तो जनपद के युवा कवि अभय निर्भीक ने अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब समझाते हुए, दुःख पहुंचा कर ताली देना अभिव्यक्ति का अर्थ नहीं, भारत माँ को गाली देना अभिव्यक्ति का अर्थ नही.. जैसी ओजस्वी पंक्तियों के माध्यम से देश के गद्दारों को आइना दिखाने का प्रयास किया। इसके बाद बाराबंकी के गजेन्द्र प्रियांशु ने राजनैतिक तंज करते हुए सुनाया-आप मोदी लहर में बनीं मंतरी हम गधे थे गधे के गधे रह गये। वहीं लाफ्टर चैम्पियन सुनील व्यास ने अपनी चुटीली पंक्तियों से लोगो को लोटपोट किया। लखनऊ के पंकज प्रसून ने नेताओं पर तंज करते हुए कहा-कुर्सी छिनने पर आँखों में पानी भर जाता है और कुर्सी मिलते ही आँखों का पानी मर जाता है। हास्य कवि मुकुल महान ने देश की ओलम्पिक में दुर्दशा पर उल्लू के माध्यम से व्यंग्य करते हुए कहा-माना हमारा देश ओलम्पिक में फेल है लेकिन उल्लू सीधा करना हमारे बाएं हाथ का खेल है। वहीं स्माइलमैन सर्वेश अस्थाना ने आजकल के दलबदल राजनीति पर गिरगिट के माध्यम से तंज कसा और कहा-किसी नेता की गिरगिट से तुलना करना महा पाप है, क्योंकि रंग बदलने के मामले में नेता गिरगिट का भी बाप है। इसके बाद जब अलवर से आये ओजस्वी कवि विनीत चैहान ने माइक सम्हाला तो पूरा माहौल देशभक्तिमय हो गया। उन्होंने वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था पर कुठारघात करते हुए लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए और नेताओं को ललकारते हुए पढ़ा-तुमने, दस-दस लाख दिए हैं सैनिक की विधवाओं को, सोचा कीमत लौटा दी है वीर प्रसूता माओं को। लो मैं बीस लाख देता हूँ तुम किस्मत के हेटों को, हिम्मत हो तो मंत्री भेजो लड़ने अपने बेटों को। विनीत चैहान ने सैनिक की चिट्ठी के माध्यम से सैनिक का दर्द सुनाया तो पांडाल में उपस्थित लोगों की आँखों में आंसू और व्यवस्था के प्रति क्रोध उत्पन्न हो गया। उन्होंने पत्नी के नाम घायल सैनिक की चिट्ठी पढ़ कर सुनाई-सप्त पद की यात्रा से तुम मेरी अर्धांगिनी हो, सात जन्मों तक बजोगी तुम अमर वह रागिनी हो। इसलिए अधिकार तुमसे बिन बताये ले रहा हूँ, मांग का सिन्दूर तेरा मातृभू को दे रहा हूँ। कवि सम्मेलन में अजीत सारस्वत, रुपेश सक्सेना, सौरभ जायसवाल और अमरेन्द्र अम्बर ने भी काव्यपाठ किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य आयोजक श्रीश तिवारी और आशुतोष द्विवेदी सहित समिति की तरफ से दीपक सिंह, अंशु पाण्डेय, रंजन द्विवेदी, अभिषेक त्रिपाठी, रवि त्रिपाठी सहित सभी सदस्यों ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। कवि सम्मेलन में नगर के युवा नेता कृष्णकुमार पाण्डेय उर्फ कक्कू, रामबहाल तिवारी, जय सिंह, अनिल मिश्र सहित पत्रकार बन्धु और अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

0 comments:

Post a Comment

Copyright © 2014 ABN NEWS | Designed With By Templateclue
Scroll To Top